Hindi मुहावरे bihar bed entrance exam most important question 2023

Hindi bihar bed entrance exam most important question

Hindi मुहावरे bihar bed entrance exam most important question

मुहावरे

  • अक्ल का अंधा-मूर्ख व्यक्ति; जिसमें समझ न हो।
  • अक्ल घास चरने जाना-समझ का अभाव होना।
  • अक्ल का दुश्मन-मूर्ख व्यक्ति।
  • अगर-मगर करना-आनाकानी या टालमटोल करना; बहाने बनाना।
  • अपना उल्लू सीधा करना-अपना मतलब निकालना।
  • अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना-अपनी प्रशंसा स्वयं करना।
  • अपने पैरों पर खड़ा होना-स्वावलंबी होना।
  • आस्तीन का साँप-किसी अपने या निकट व्यक्ति द्वारा धोखा देना, कपटी मित्र।
  • आसमान से बातें करना-बहुत ऊँचा होना या तेज़ गति वाला।
  • आँख का तारा-बहुत प्रिय होना।
  • आँखें खुलना-जागना, वास्तविकता से अवगत होना, भ्रम दूर होना, सचेत होना।
  • आँखें चार होना-प्रेम होना, आमना-सामना होना।
  • आँखों में धूल झोंकना-धोखा देना।
  • अंगार उगलना-अत्यंत क्रुद्ध होकर अपशब्द कहना।
  • अंधे की लाठी-एकमात्र सहारा।
  • उखड़ी-उखड़ी बातें करना-अन्यमनस्क होना या उदासीन बातें करना।
  • उन्नीस-बीस का अंतर होना-बहुत कम अंतर होना।
  • उल्टी गंगा बहाना-विपरीत चलना।
  • उड़ती चिड़िया के पर गिनना-रहस्य की बात दूर से जान लेना।
  • इज़्ज़त ख़ाक में मिलना-परिवारिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचना।
  • ईद का चाँद होना-बहुत दिनों बाद दिखाई पड़ना।
  • ईंट से ईंट बजाना-पूरी तरह से नष्ट करना।

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  • ईंट का जबाब पत्थर से देना-ज़बरदस्त बदला लेना; करारा जवाब देना।
  • कान भरना-किसी के ख़िलाफ़ किसी के मन में कोई बात बैठाना।
  • कूच करना-जाना; प्रस्थान करना; चले जाना।
  • ख़ून पसीना एक करना-कड़ी मेहनत करना।
  • घोड़े बेचकर सोना-हर ज़िम्मेदारी से मुक्त हो जाना; बिल्कुल निश्चिंत हो जाना; किसी प्रकार की चिन्ता न करना।
  • घी के दिये जलाना-अत्यधिक प्रसन्न होना; खुशियाँ मनाना; प्रसन्नता ज़ाहिर करना।
  • चार चाँद लगाना-किसी सुन्दर वस्तु को और सुन्दर बनाना; किसी कार्यक्रम की शोभा बढ़ाना; किसी को ज़्यादा मान-सम्मान देना।
  • चैन की सांस लेना-काम निपटाकर निश्चिन्त होना; कार्य पूर्ण होने पर शान्ति महसूस करना।
  • चोली-दामन का साथ होना-गहरी मित्रता होना; अत्यधिक घनिष्ठता होना; बहुत मधुर सम्बन्ध होना।
  • चिकना घड़ा होना-बेशर्म होना; किसी बात का प्रभाव न पड़ना; अपमान होने पर भी अपमानित महसूस न करना; किसी की लिहाज़ न करना।
  • चुल्लू भर पानी में डूबना-लज्जित होना; अपमानित होना।
  • छक्के छुड़ाना-बुरी तरह हराना; अपने से बलवान पर विजय प्राप्त करना।
  • छाती पर मूँग दलना-पास रहकर कष्ट देना।
  • जान में जान आना-मुसीबत से निकलने पर निश्चिंत होना।
  • जले/ घाव पर नमक छिड़कना-दुःखी को और अधिक दुःखी करना; किसी का काम खराब होने पर हंसी उड़ाना।
  • दाहिना हाथ होना-बहुत बड़ा सहायक होना।
  • दाँत खट्टे करना-प्रतिद्वंद्विता या लड़ाई में पछाड़ना।
  • दुम हिलाना-दीनतापूर्वक प्रसन्नता प्रकट करना।
  • नील का टीका लगाना-कलंक लगाना, कलंकित करना।
  • सिर ओखली में देना-व्यर्थ ही जान-बूझकर जोख़िम में पड़ना।
  • टोपी पहनाना-बेवकूफ़ बनाना; झाँसा देना।
  • हवा में गाँठ लगाना-बड़े-बड़े दावे करना; असम्भव कार्य को करने का दम भरना।
  • हाथ-खड़े कर देना-असमर्थता जताना; वक्त पर मदद से इन्कार करना।
  • हाथ धोना-गँवा देना।
  • हाथ पाँव मारना-प्रयास करना।
  • पानी देना-सींचना, तर्पण करना।
  • पानी में रहकर मगरमच्छ से बैर-पास में रहकर ख़तरनाक व्यक्ति से दुश्मनी रखना।
  • पासा पलटना-अच्छा से बुरा या बुरा से अच्छा भाग्य होना; भाग्य का अनुकूल से प्रतिकूल या प्रतिकूल से अनुकूल होना।
  • पीठ दिखाना-कायरता दिखाना, भाग जाना, विमुख होना।
  • पैर पसारना-फैलाना, आराम से लेटना।
  • टोपी उछालना-अपमानित करना।
  • ठगा-सा रह जाना-बहुत छोटा महसूस करना, अपमानित महसूस करना।
  • Hindi मुहावरे bihar bed entrance exam most important question

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लोकोक्तियाँ

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  • अक्ल बड़ी या भैंस-शारीरिक शक्ति की अपेक्षा बुद्धि का महत्व अधिक होता है |
  • अक्ल के पीछे लट्ठ लिए फिरना-सदा मूर्खतापूर्ण बातें या काम करते रहना।
  • अधजल गगरी छलकत जाए-थोड़ा होने पर अधिक दिखावा करना।
  • अपना हाथ जगन्नाथ-स्वतंत्र व्यक्ति जिसके काम में कोई दखल न दें ।
  • अपने पांव पर आप कुल्‍हाड़ी मारना-अपना अहित स्वयं करना।
  • अपनी अपनी डफली,अपना अपना राग-विचारो का बेमेल होना|
  • अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत-समय गुज़रने पर पछतावा करने से कोई लाभ नहीं होता।
  • अशर्फ़ियाँ लुटाकर कोयलों पर मोहर लगाना-मूल्यवान वस्तु भले ही जाए, पर तुच्छ चीज़ों को बचाना।
  • आसमान से गिरा खजूर में अटका-एक विपत्ति से निकलकर दूसरी में उलझना |
  • आप भला सो जग भला-स्वयं सही हो तो सारा संसार ठीक लगता है |
  • आगे कुआँ पीछे खाई-हर तरफ परेशानी होना; विपत्ति से बचाव का कोई मार्ग न होना |
  • आगे नाथ न पीछे पगहा-कोई भी जिम्मेदारी न होना; पूर्णत: बंधनरहित होना |
  • आए थे हरि भजन को ओटन लगे कपास-इच्छितकार्य न कर पाने पर कोई अन्य कार्य कर लेना|
  • आटे के साथ घुन भी पिसता है-अपराधी के साथ निरपराधी भी दण्ड पा जाताहै |
  • अंधेर नगरी चौपट राजा, टके सेर भाजी टके सेर खाजा-जहाँ मुखिया ही मूर्ख हो, वहाँ अन्याय ही होता है।
  • अंधों में काना राजा-मूर्खों में थोड़ा सा ज्ञानी।
  • अंधी पीसे कुत्ता खाये-परिश्रमी व्यक्ति के असावधानी पर अन्य व्यक्ति का उपभोग करना|
  • आम के आम गुठलियों के दाम-दुहरा लाभ होना |
  • आँख का अँधा, नाम नैनसुख-गुण न होने पर भी गुण का दिखावा करना।
  • ओखली मे सिर दिया तो मूसल से क्या डर-कठिन कार्यो में उलझ कर विपत्तियों से क्या घबराना |
  • एक अनार सौ बीमार-समान कम चाहने वाले बहुत ।
  • एक और एक ग्यारह-एकता मे शक्ति होती है |
  • एक पंथ दो काज-एक प्रयत्न से दोहरा लाभ।
  • एक तो चोरी ऊपर से सीनाज़ोरी-गलती करने पर भी उसे स्वीकार न करके विवाद करना|
  • एक हाथ से ताली नही बजती-झगड़ा एक ओर से नही होता |
  • एक तो करेला, दूजे नीम चढ़ा-अवगुणी में और अवगुणों का आ जाना |
  • एक म्यान में दो तलवार नहीं रह सकती-एक स्थान पर दो विचारधारायें नहीं रह सकतीं हैं|
  • उल्टा चोर कोतवाल को डांटे-अपना अपराध स्वीकार करने की बजाय पूछने वाले को दोष देना।
  • ऊँट के मुँह मे ज़ीरा-बड़ी आवश्यकता के लिये कम देना।
  • कहाँ राजा भोज, कहाँ गंगू तेली-दो असमान व्यक्तियों का मेल न होना |
  • कंगाली में आटा गीला-कमी में और नुकसान होना |
  • कहीं का ईंट, कहीं का रोड़ा, भानुमती ने कुनबा जोड़ा-इधर -उधर से उल्टे सीधे प्रमाण एकत्र कर अपनी बात सिद्ध करने का प्रयत्न करना |
  • कौवा चला हंस की चाल-अयोग्य व्यक्ति का योग्य व्यक्ति जैसा बनने का प्रयत्न |
  • खोदा पहाड़ निकली चुहिया-बहुत प्रयत्न करने पर कम फल प्राप्त होना |
  • खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे-दूसरे के क्रोध को अनुचित स्थान पर निकालना|
  • घर का भेदी लंका ढावे-आपस की फूट विनाश कर देती है।
  • घर की मुर्गी दाल बराबर-घर की वस्तु का महत्व नहीं होता |
  • घर में नहीं दाने, अम्मा चली भुनाने-झूठी शान दिखाना |
  • चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए-अत्यधिक कंजूस होना‌।
  • चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात-सुख क्षणिक होता है |
  • चोर की दाढ़ी में तिनका-अपराध बोध से व्यक्ति सहमा-सहमा रहता है; दोषी व्यक्ति का व्यवहार उसकी असलियत उजागर कर देता है।
  • चिराग़ तले अन्धेरा होना-देने वाले का स्वयं वंचित रहना; सबका काम कराने वाले का स्वयं का काम लटका रहना; सुविधा प्रदान करने वाले को स्वयं सुविधा न मिलना।
  • छ्छूंदर के सिर पर चमेली का तेल-अयोग्य व्यक्ति को अच्छी चीज़ देना।
  • छाती पर सांप लोटना-ईर्ष्या होना ।
  • छोटा मुँह बड़ी बात-अपनी योग्यता से बढ़कर बात करना।
  • छक्के छूटना-बुद्धि चकरा जाना।
  • जाके पाँव व फटी बिबाई, सो क्या जाने पीर पराई-जिसने कभी दु:ख न देखा हो वह दूसरेरे के दु:ख को नहीं समझ सकता |
  • जिसकी लाठी उस की भैंस-शक्तिशाली विजयी होता है |
  • जिसकी उतर गई लोई उसका क्या करेगा कोई-निर्लज्ज को किसी की परवाह नहीं होती|
  • झूठ के पांव नहीं होते-झूठ ज़्यादा दिन तक नहीं ठहरता है।
  • ढाक के वही तीन पात-परिणाम कुछ नहीं, बात वहीं की वहीं.
  • डूबते हुए को तिनके का सहारा-घोर संकट मे जरा सी सहायता ही काफी होती है |
  • थोथा चना बाजे घना-ओछा आदमी ज्यादा डींग हाँकता है |
  • दान की बछिया के दाँत नहीं देखे जाते-मुफ्त की वस्तु का अच्छा बुरा नहीं देखा जाता |
  • दुविधा में दोनों गये माया मिली न राम-दुविधाग्रस्त व्यक्ति को कुछ भी प्राप्त नही होता ।
  • दूध का दूध ,पानी का पानी-उचित न्याय ,विवेकपूर्ण न्याय ।
  • धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का-अस्थिर व्यक्ति प्रभावहीन होता है |
  • नहले पर दहला-एक से बढ़कर एक।
  • न रहेगा बांस न बजेगी बाँसुरी-झगड़े को समूल नष्ट करना |
  • न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी-कार्य न करने हेतु असम्भव शर्ते रखना |
  • नाच न जाने आँगन टेढ़ा-खुद न जानने पर बहाने बनाना |
  • नौ सौ चूहे खाय बिल्ली हज को चली ढोंगी व्यक्ति-जीवन भर पाप करने के बाद बुढ़ापे मे धर्मात्मा होने का ढोंग करना |bihar bed entrance exam most important question bihar bed entrance exam most important question
  • पगड़ी उछालना-अपमानित करना|
  • पढ़े फारसी बेचे तेल, यह देखे कुदरत का खेल-भाग्यवश योग्य व्यक्ति द्वारा तुच्छ कार्य करने के लिये विवश होना |
  • बगल में छोरा, शहर में ढिंढोरा-वाँछित वस्तु की प्राप्ति के लिये अपने आस -पास नजर न डालना|
  • बड़े मियाँ सो बड़े मियाँ, छोटे मियाँ सुभानअल्लाह-छोटे का बड़े से भी अधिक चालाक होना|
  • बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद-किसी के गुणों को न जान कर उसके महत्व को न समझ सकना |
  • बिन माँगे मोती मिले,माँगे मिले न भीख-माँगने पर कुछ नहीं मिलता है |
  • भागते चोर/भूत के लँगोटी ही सही-कुछ न मिलने पर जो भी मिला वही अच्छा |
  • भैंस के आगे बीन बजाना-मूर्ख के सामने ज्ञान की बातें करना व्यर्थ है|
  • मान न मान मैं तेरा मेहमान-व्यर्थ मे गले पड़ना |
  • मुख मे राम बगल में छुरी-ऊपर से भला बनकर धोखा देना |
  • ये मुंह और मसूर की दाल-अपनी औक़ात से बाहर की बात होना|
  • सौ सुनार की एक लुहार की-सामान्य व्यक्ति की अपेक्षा बुद्धिमान व्यक्तिकम प्रयत्न मे लाभ पा लेता है ।
  • हाथ कंगन को आरसी क्या, पढ़े लिखे को फारसी क्या-प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती|
  • हाथ पसारना/फैलाना-किसी से विवशतापूर्ण माँगना।
  • हाथ –पाँव फूल जाना-डर से घबराना।
  • होनहार बिरवान के होत चीकने पात-प्रतिभा बचपन से दिखाई देती है|

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